पोते ने दादा को जलाकर की हत्या संपत्ति एवं जमीन विवाद के लालच में की गई हत्या

*पोते ने ही जलाकर की दादा की हत्या – संपत्ति के लालच में की गई इस दिल दहला देने वाली वारदात का कबीरधाम पुलिस ने 24 घंटे के भीतर किया पर्दाफाश*
कवर्धा =थाना सिंघनपुरी जंगल अंतर्गत दिनांक 3-4 जून 2025 की दरम्यानी रात ग्राम बामी में घटित इस हृदय विदारक घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। मृतक झड़ी राम साहू (65 वर्ष) को रात करीब 1:30 बजे सोते वक्त आग के हवाले कर दिया गया। जलती हालत में वे अपने घर के भीतर पहुंचे और पत्नी को पुकारा। परिजनों और ग्रामीणों की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी।

घटनास्थल की स्थिति, मृतक की जलने की अवस्था और आसपास फैली पेट्रोल जैसी गंध को देखते हुए यह स्पष्ट था कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि एक पूर्व नियोजित हत्या है।
*एफएसएल टीम द्वारा मौके पर निरीक्षण कर *एंटीमार्टम बर्निंग* की पुष्टि की गई*

पुलिस अधीक्षक कबीरधाम  धर्मेन्द्र सिंह (IPS) ने घटना की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम गठित की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  पुष्पेंद्र बघेल एवं  पंकज पटेल के निर्देशन में, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस लोहारा श्री प्रतीक चतुर्वेदी के पर्यवेक्षण तथा साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा एवं सिंघनपुरी थाना प्रभारी उप निरीक्षक रोशन बघेल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने विवेचना आरंभ की।
*पुलिस ने  मृतक के पोते दीपक साहू पिता इटवारी साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। आरोपी ने कबूल किया कि वह इस बात से नाराज था कि दादा ने अपनी जमीन का हिस्सा उसके पिता को न देकर अन्य बेटों को दे दिया। इस आशंका और क्रोध में कि उसे भविष्य में कुछ नहीं मिलेगा, उसने पेट्रोल डालकर दादा को आग लगा दी।

आरोपी को हत्या के आरोप में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) और 111 के तहत हिरासत में लेकर  गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है। उपरोक्त कार्यवाही में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा ASI संजीव तिवारी, HC चुम्मन साहू, अभिनव तिवारी, आरक्षक मनीष सिंह का विशेष योगदान था।

बीते 4 दिनों में जिले में तीन हत्याओं की घटनाएं सामने आईं, जिनमें से दो मामलों का पुलिस द्वारा त्वरित खुलासा कर लिया गया है। यह तथ्य ध्यान देने योग्य है कि इन घटनाओं में पुलिस भय या दबाव की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि आपसी तनाव, संपत्ति का विवाद, आवेश और पारिवारिक द्वेष जैसे कारण प्रमुख रहे हैं।
*पुलिस का भय या उपस्थिति ऐसी घटनाओं में तब कोई असर नहीं डाल पाती जब अपराध आवेश और निकट पारिवारिक संबंधों की आड़ में रचा जाता है*

ऐसे मामलों में जहां अपराध भावनात्मक आवेग, आंतरिक द्वेष या संपत्ति की भूख से उपजते हैं, वहां समाज के हर व्यक्ति को सतर्क रहने की आवश्यकता है। कबीरधाम पुलिस हर घटना को गंभीरता से ले रही है, हर पहलू की जांच कर रही है और अपराधियों को कानून के कठघरे में ला रही है।

यह संदेश साफ है – कोई भी अपराध कबीरधाम पुलिस की नजर से बच नहीं सकता। अपराधियों को उनकी नियति तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।

पुलिस हर परिस्थिति में चौकस, संवेदनशील और त्वरित कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। जनता से सहयोग की अपील की जाती है कि वे किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक गतिविधियों की जानकारी तत्काल पुलिस को दें। कबीरधाम पुलिस हर परिस्थिति में उनके साथ है।

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